8 may 2025
aajtak.in
केदारनाथ धाम से ऊपर, विशाल हिमालय की गोद में भुकुंट भैरव मंदिर स्थित है. यह मंदिर सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं है, बल्कि इसे केदारनाथ धाम का रक्षक यानी क्षेत्रपाल माना जाता है.
यह मंदिर भैरव नाथ को समर्पित है, जो भगवान शिव का एक उग्र और रक्षक स्वरूप हैं. विनाश और तांडव के अधिपति होने के साथ-साथ वो सुरक्षा, और शक्ति के प्रतीक भी हैं.
ऐसी मान्यता है कि यब सर्दियों में केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं, भैरव बाबा ही केदारनाथ वैली की रक्षा करते हैं.
भूखंड भैरव मंदिर, केदारनाथ से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर है. केदारनाथ की कठिन चढ़ाई के बाद श्रद्धालु भैरव के दर्शन करने जरूर जाते हैं.
भैरव बाबा की पूजा सिर्फ डर या ताकत के लिए नहीं होती. यह साफ सोच, सुरक्षा और आत्मबल की साधना है. यहां आने वाले लोग मन की निडरता और अंदर की शक्ति को महसूस करते हैं.
भूखंड भैरव मंदिर की शांति और माहौल में स्वयं भैरव बाबा की मौजूदगी महसूस होती है, जैसे वो साक्षात यहीं हैं.
यह यात्रा सिर्फ एक तीर्थ नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो मन को स्थिर करता है, ताकत देता है और आत्मा को शुद्ध करता है.