14 Aug 2025
Photo: AI Generated
देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. खासकर, भगवान श्री कृष्ण के जन्मस्थल मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में जन्माष्टमी की जगमगाहट देखने लायक होती है.
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इस बार जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है.
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इस दिन भक्तगण भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं और आधी रात, यानी मध्यरात्रि को उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.
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लेकिन, वास्तु शास्त्र के नजरिए से भी यह दिन बहुत ही खास माना जाता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक जन्माष्टमी आने से पहले घर से कुछ अशुभ चीजें हटा देनी चाहिए.
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वास्तु शास्त्र के मुताबिक, अगर जन्माष्टमी से पहले घर से पुरानी और टूटी-फूटी चीजें, जैसे टूटी हुई मूर्तियां, खराब घड़ी या जंग लगे लोहे के सामान को बाहर निकाल दिया जाए तो यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है.
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इस उपाय से लड्डू गोपाल की कृपा बनी रहती है और जातक पर लड्डू गोपाल का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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इसके अलावा, कुछ लोग इस दिन देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों को नदी या किसी बहते जल में प्रवाहित करते हैं ताकि घर से बुरा प्रभाव दूर हो.
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वास्तु के मुताबिक, जन्माष्टमी पर साफ-सफाई का खास ध्यान रखना भी जरूरी है क्योंकि साफ-सुथरे घर में ही सुख-समृद्धि आती है और ऐसे घरों में मां लक्ष्मी का वास भी होता है.
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