15 Aug 2025
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इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त यानी कल मनाया जाएगा. इस बार जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त को रात 12:04 से 12:45 बजे तक है.
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अक्सर आपने देखा होगा कि जन्माष्टमी पर कुछ लोग कान्हा का केक काटकर उनका जन्मदिन मनाते हैं. यह रिवाज सही है या गलत इस पर वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने जानकारी दी है.
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प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ऐसे लोग वैष्णव पद्धति का सही ज्ञान नहीं रखते. आजकल अपवित्रता बढ़ रही है, इसलिए पवित्रता का पालन करें.
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बाजार में मिलने वाले केक में अंडा भी होता है, जो पूजा परंपरा के विपरीत है. महाराज के अनुसार, बाहरी सेवा तभी सार्थक है जब वो मन की भक्ति से जुड़ी हो.
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प्रेमानंद महाराज के मुताबिक पवित्रता से एक रोटी भी अर्पित करेंगे तो श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाएंगे. थोड़ी सावधानी और श्रद्धा से ही भगवत मार्ग पुष्ट होता है.
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जन्माष्टमी पर भगवान को स्नान कराकर साफ-सुथरे पीले रंग के वस्त्र और आभूषण पहनाएं. उन्हें चंदन का लेप लगाएं. गेंदा, गुलाब, मोगरा, चमेली की माला अर्पित करें.
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श्रीकृष्ण के सिर पर मोरपंख वाला मुकुट या पगड़ी सजाएं, हाथ में बांसुरी दें. श्रीकृष्ण के प्रसाद में पंचामृत में तुलसी दल अवश्य डालें.
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माखन, मिश्री, मेवा का भोग लगाएं. धागे वाली मिश्री को पीसकर उपयोग करना श्रेष्ठ है. श्रृंगार और भोग के बाद लड्डू गोपाल को झूले पर विराजमान करें और पूजा संपन्न करें.
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