14 Aug 2025
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हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है.
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इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 16 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा. मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है और उनके लिए व्रत भी रखा जाता है.
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इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि ज्योतिषीय नजरिए से इस दिन कई सारे शुभ संयोगों का निर्माण होने जा रहा है.
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दरअसल, जन्माष्टमी के दिन अमृतसिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है और इनके अलावा, भरणी, कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है.
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कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन का मुहूर्त 17 अगस्त को अर्धरात्रि 12 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 47 मिट पर समाप्त होगा. यानी पूजन के लिए कुल 43 मिनट का समय मिलेगा.
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साथ ही, इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पारण 17 अगस्त के बाद सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर होगा, जो कि व्रत पारण के लिए सबसे अच्छा समय माना जा रहा है.
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भगवान कृष्ण का जन्म वृषभ लग्न और वृषभ राशि में हुआ था. उनके जन्म का नक्षत्र था रोहिणी. अत: जन्म उत्सव इसी काल में मनाया जाता है.
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इस बार जन्माष्टमी पर्व की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 16 अगस्त को रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा.
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