01 May 2025
aajtak.in
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नंदी महाराज को भगवान शिव की सवारी माना जाता है और उन्हें भोलेनाथ का सबसे बड़ा भक्त भी माना जाता है.
जब भगवान शिव की पूजा की जाती है तो उनके साथ नंदी महाराज की पूजा की जाती है.
हमेशा आपने इस बात पर गौर किया होगा कि भगवान शिव के मंदिर में प्रवेश करने से पहले बाहर शिवजी के प्रिय नंदी महाराज विराजमान होते हैं.
ऐसी मान्यता है कि यदी कोई अपनी मनोकामना नंदी महाराज के कान में कहता है तो उनके माध्यम से शिवजी अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं.
तो चलिए जानते हैं कि नंदी महाराज के कान में अपनी इच्छा बोलने का सही नियम क्या है.
अपनी इच्छापूर्ति के लिए शिव जी के किसी मंदिर में जाइए और मंदिर में जाते समय मौन व्रत रखें. कुछ भी किसी से नहीं बोलना है.
उसके बाद शिवजी की पूजा करने के बाद नंदी महाराज के बाएं कान में अपनी इच्छा बोलिए. लेकिन ध्यान रखें कि इच्छा बोलते समय उनका दायां कान बंद कर दें.
अपनी मनोकामना बोलने से पहले ऊं नम: शिवाय बोल दीजिए और उसके बाद अपनी इच्छा बोलिए.
मान्यता है कि ऐसा करने से मात्र सात दिन के अंदर नंदी महाराज ये इच्छा भगवान शिव तक पहुंचा देंगे और इससे उनका आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहेगा.