किस परिस्थिति में भगवान लेते हैं परीक्षा? जया किशोरी ने दिया ये जवाब

14 apr 2025

aajtak.in

मनुष्य कई बार अपनी स्थितियों के लिए भगवान को दोष देने लगता है क्योंकि उसे लगता है कि भगवान अगर चाहें, तो उसकी जिन्दगी बदल सकते हैं.

दरअसल, इंसान जब भी मुसीबत में होता है तो वह भगवान को दोष देने लगता है और कहता है कि भगवान उसकी परीक्षा ले रहे हैं. 

लेकिन, क्या यह बात सच है कि भगवान परीक्षा लेते हैं और अगर हैं तो कैसे. चलिए कथावाचक जया किशोरी से जानते हैं.

जया किशोरी कहती हैं, ' भगवान एक ही बात में दो बात कह जाते हैं, अच्छाई में भी और बुराई में भी.' 

 'अच्छाई में भगवान जल्दी से अपनाते नहीं हैं और बहुत परीक्षा लेते हैं यहां अपनाने से मतलब है अपना भक्त बनाना.'

'एक अच्छा भक्त बनाने के लिए भगवान परीक्षाएं लेते हैं और परीक्षा का मतलब है कठिन परिस्थितियां. कठिन परिस्थितियों में भगवान देखते हैं कि यह मेरे ऊपर कितना भरोसा करता है.'

'और ऐसी ही कठिन परिस्थिति में भक्त भगवान को छोड़ता है और कहता है कि भगवान नहीं है.'