हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह व्रत 18 सितंबर दिन सोमवार को रखा जाएगा.
हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. इस दिन सुहागनें पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं.
हरतालिका तीज के कुछ खास नियम भी होते हैं, जिन्हें गंभीरता से निभाना जरूरी बताया गया है. इस दिन 5 गलतियों से बचना चाहिए.
1. हरतालिका तीज का व्रत जीवन में एक बार रख लिया तो इसका त्याग नहीं किया जा सकता है. फिर इसे प्रत्येक वर्ष रखना जरूरी है.
2. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. इस दिन जल की एक बूंद भी गले के नीचे नहीं उतार सकते. खाने-पीने का भी पूर्णत: परहेज रहता है.
3. यदि स्त्रियां इस व्रत को नहीं रखती हैं. तब भी कई नियमों का पालन करना पड़ता है. मांस, मदिरा या तामसिक भोजन से परहेज होता है.
4. हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाओं को क्रोध या गुस्सा करने से बचना चाहिए. क्रोध या अपशब्दों से आपकी तपस्या भंग हो सकती है.
5. हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाएं दिन में नींद लेने से बचें. यहां तक कि रात को सोने की बजाए भगवान शिव की आराधना करें.