हर युवा को सीखनी चाहिए हनुमान जी की ये सीख, सफलता के हैं ये गुप्त मंत्र

11 Apr 2025

Aajtak.in

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त, सेवक और सखा श्री हनुमान को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है. पवनपुत्र हनुमान एक ऐसे देवता हैं जो सबसे ज्यादा पूजे जाते हैं.

सनातन परंपरा में हनुमान जी को बल, बुद्धि और विद्या का देवता माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे माता अंजनी और पिता केसरी के पुत्र हैं, परंतु उन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है क्योंकि उनके जन्म में वायु देव की दिव्य भूमिका रही.

कलियुग में हनुमान जी की उपासना न केवल नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है, बल्कि उनके गुण हमारे जीवन को दिशा और प्रेरणा भी देते हैं.

हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष यह पर्व 12 अप्रैल को मनाया जाएगा. 

आइए इस पावन अवसर पर हनुमान जी के उन महान गुणों को जानें, जिन्हें अपनाकर जीवन में सफलता की राह आसान हो सकती है.

हनुमान जी ने सदैव अपनी शक्तियों और ज्ञान का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए किया था. कभी आवश्यकता पड़ने पर वे सूक्ष्म रूप धारण कर लंका में प्रवेश कर गए, तो कभी विशाल रूप लेकर पूरी लंका को भस्म कर दिया.

बल और बुद्धि का सदुपयोग

इससे हमें यह सीख मिलती है कि शक्ति और बुद्धि का प्रयोग सदैव सही दिशा में करना चाहिए.

हनुमान जी भगवान श्रीराम के आज्ञाकारी भक्त थे. वे श्रीराम के हर आदेश का पालन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करते थे. 

हर आदेश का पालन करना

साथ ही, अपने सभी कार्यों का श्रेय भी श्रीराम को ही देते थे. इससे हमें सिखने को मिलता है कि जीवन में अनुशासन और विनम्रता सफलता की कुंजी है.

हनुमान जी के भीतर गहरी जिज्ञासा थी. ज्ञान प्राप्ति के लिए वे सूर्य देव को अपना गुरु मानकर उनके साथ चलते हुए शिक्षा ग्रहण करते रहे. 

जिज्ञासु स्वभाव

यह बताता है कि अगर जिज्ञासा और समर्पण हो, तो कोई भी बाधा ज्ञान प्राप्ति में आड़े नहीं आ सकती है.

हनुमान जी के जीवन से हम न केवल भक्ति की सीख लेते हैं, बल्कि यह भी समझते हैं कि बल, बुद्धि, विनम्रता और अनुशासन के साथ जिया गया जीवन ही सच्चे अर्थों में सफल होता है.