स्वर्ग की अप्सरा थीं हनुमान जी की मां अंजनी, जानें कैसे मिला वानरी बनने का श्राप

12 apr 2025

aajtak.in

हनुमान जन्मोत्सव एक हिंदू पर्व है और हर वर्ष यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. 

हनुमान जयंती 12 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था.

हनुमान जी से जुड़ी तो हमने कईं कथाएं सुनी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी की माता अंजनी देवलोक की अप्सरा थीं और एक श्राप के कारण वो वानरी बन गई थीं.

पौराणिक कथा के अनुसार, माता अंजनी अपने पहले जन्म में इंद्रदेव के दरबार में एक अप्सरा थीं जिनका नाम पुंजिकस्थला था.

पुंजिकस्थला सभी अप्सराओं में बहुत ही सुंदर थीं. कहते हैं कि अप्सरा पुंजिकस्थला स्वभाव से बहुत ही नटखट और चंचल थीं. 

एक बार वन में भ्रमण करते हुए उन्होंने अपने इसी नटखटपन में एक ऋषि की तपस्या को भंग कर दिया और ऋषि क्रोधित हो गए थे. 

इसके बाद ऋषि ने क्रोधित होकर पुंजिकस्थला को वानर बनने का श्राप दिया और कहा कि जब उन्हें प्रेम होगा तब वह वानर बन जाएंगी. 

यह सुनकर पुंजिकस्थला ने ऋषि से क्षमा मांगी और उनसे अपना श्राप वापिस लेने को कहा. 

पुंजिकस्थला की बात सुनकर ऋषि को दया आ गई. तब ऋषि ने कहा कि, 'मैं अपना श्राप तो वापिस नहीं ले सकता, लेकिन मैं तुम्हें एक तेजस्वी पुत्र की मां होने का वरदान देता हूं, जो आगे चलकर तुम्हारा नाम रोशन करेगा.