11 Apr 2025
Aajtak.in
हनुमान जयंती हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस वर्ष हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को मनाई
भगवान हनुमान को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है. मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से जीवन के सभी संकट और रोग दूर हो जाते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी के भक्तों को शनि देव नुकसान नहीं पहुंचाते. इसलिए शनि की साढ़ेसाती या शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जयंती का दिन विशेष फलदायक माना गया है.
आइए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव पर कौन से उपाय करने चाहिए.
शनि की महादशा से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती के दिन संकटमोचन का पूजन-अर्चन करें. 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और फिर शनि चालीसा पड़े. इससे शनि और मंगल की नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सुख-शांति आती है.
हनुमान जी को बूंदी अतिप्रिय है. हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखें और मंदिर में जाकर उन्हें बूंदी और चने का भोग लगाएं. साथ ही चमेली के तेल का दीपक जलाएं और सुंदरकांड का पाठ भी करें. ऐसा करने से हनुमान जी शनि दोष से जुड़ी परेशानियों को दूर रखते हैं.
हनुमान जयंती के दिन मंदिर में एक नारियल लेकर जाएं. फिर नारियल को अपने ऊपर से 7 बार घुमाकर फोड़ दें. इसके बाद 108 बार ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का जप करें.
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी मुर्ती पर तिल का तेल चढ़ाएं. विशेष रूप से शनिवार के दिन तेल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि की दशा से बचाव मिलता है.
हनुमान जयंती पर 108 तुलसी के पत्तों पर सिंदूर के लेप से राम नाम लिखें. फिर इसे लाल धागे में पिरोकर हनुमान जी को पहनाएं और साथ ही हनुमान चालीसा, संकटमोचक हनुमानाष्टक, बजरंग बाण और शनि चालीसा का पाठ करें.