7 June 2025
Aajtak.in
देवगुरु बृहस्पति 12 जून 2025 को अस्त होने वाले हैं. इसके बाद गुरु बृहस्पति 9 जुलाई 2025 तक अस्त रहेंगे.
गुरु का उदय होने से पहले 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी भी है. देवशयनी एकादशी से 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास रहेगा.
अस्त गुरु और चातुर्मास के चलते शुभ व मांगलिक कार्य बंद रहेंगे. यानी शुभ कार्यों पर ये पाबंदी करीब 5 महीने तक रहेगी.
इन 5 महीनों में सगाई, शादी, मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश जैसे शुभ मंगल कार्य निषेध माने जाते हैं.
कहते हैं कि अस्त गुरु या चातुर्मास के दौरान संपन्न हुए शुभ कार्यों का फल अच्छा नहीं होता है. इसलिए ये कार्य नहीं किए जाते हैं.
चातुर्मास में आने वाले श्रावण में पालक या पत्तेदार सब्जियों से परहेज होता है. फिर भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक मास में लहसुन-प्याज का त्याग नहीं खाते हैं.
देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और शुभ कार्य पुन: प्रारंभ होते हैं.
देवउठनी एकादशी से ही विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और जातकर्म जैसे शुभ कार्य शुरू होते हैं.