By Aajtak.in
धन की देवी मां लक्ष्मी के शुभ चरण जिस घर में पड़ गए, वहां सुख-समृद्धि खुद चलकर आती है. ये कभी घर में धन की कमी नहीं होने देतीं.
लेकिन क्या आप माता लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी के बारे में जानते हैं. अलक्ष्मी को 'ज्येष्ठा लक्ष्मी' भी कहा जाता है.
कहते हैं कि अलक्ष्मी अपनी छोटी बहन लक्ष्मी के बिल्कुल विपरीत हैं. इनके कदम घर में दुख, मुसीबत और दरिद्रता लेकर आते हैं.
देवी लक्ष्मी से हमें शौर्य, विजय, धन, सुख-समृद्धि आदि प्राप्त होता है. जबकि अलक्ष्मी कष्ट, क्लेश, ताप, दरिद्रता आदि की कारक हैं.
अलक्ष्मी की उत्पति के समय इन्हें किसी देवी-देवता ने नहीं अपनाया. तब विष्णु जी के आदेश पर इन्होंने कुछ खास जगहों पर वास किया.
कहते हैं कि जिन घरों में हमेशा क्लेश रहता है, जहां स्त्री और माता-पिता का सम्मान नहीं होता, वहां अलक्ष्मी आती हैं.
जो घर जुए, शराब और हिंसा के अड्डे बन जाते हैं, जहां हमेशा गंदगी रहती है, वहां निश्चित ही अलक्ष्मी के कदम पड़ जाते हैं.
एकादशी, दिवाली, धनतेरस और शुक्रवार को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इन मौकों पर क्लेश रखने से भी अलक्ष्मी का वास होता है.