21 July 2025
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प्रेमानंद महाराज सिर्फ मथुरा-वृंदावन के ही नहीं बल्कि पूरे विश्वभर में जाने माने बाबा हैं. लोग दूर दूर से अपनी जीवन से जुड़ी समस्याएं लेकर प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचते हैं.
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वहीं, प्रेमानंद महाराज के पास एक व्यक्ति भक्ति से जुड़ा सवाल लेकर पहुंचा. उसने महाराज जी से कहा कि, 'क्या फोटो में भगवान वैसे ही दिखते हैं जैसे सच में हैं?'
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इसपर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए कहा कि, 'भगवान जैसे तस्वीर या फोटो में दिखते हैं वैसे हकीकत में भगवान नहीं दिखते हैं.'
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'आजतक ऐसी कोई स्याही या कोई रंग ही नहीं बना है जो भगवान के श्रीअंग की श्यामता का चित्रण कर सके.'
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'श्यामसुंदर को किसी ने नहीं देखा है लेकिन अपनी कल्पना में आप उनका चित्र बनाते हो. इसका मतलब हमारी भावना भगवान के रूप से नहीं बल्कि सिर्फ भगवान से जुड़ी है.'
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आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'सब रूपों में भगवान हैं तो हमें भगवान की प्राप्ति हो जाती है. लेकिन, भगवान को अगर आप देख लेंगे तो कोई सुख नहीं मिलेगा.'
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'बल्कि सुख तो सिर्फ भगवान की भक्ति करने से ही मिलता है. अगर बिहारी जी का वो रूप देखना है तो वह देखने की क्षमता केवल नाम प्रदान करेगा.'
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'राम नाम राम रूप को प्रकाशित कर देगा, कृष्ण नाम कृष्ण रूप को प्रकाशित कर देगा, राधा नाम राधा रूप को प्रकाशित कर देगा.'
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'नाम जप करने से जो ध्यान में आता है वहीं भगवान का सही रूप होता है. लेकिन, भगवान का स्वरूप अद्वितीय, अनिर्वचनीय और अलेखनीय है. भगवान के नेत्र और भगवान के रूप को कोई स्याही नहीं लिख सकती है.'
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