16 April 25
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जीवन की तरह मृत्यु भी निश्चित है. धरती पर जिसने भी जन्म लिया है, उसका मरना भी तय है. और मरने के बाद व्यक्ति कर्मों के हिसाब से स्वर्ग या नर्क लोक में जाता है.
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी के अनुसार, गरुण पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जब किसी की मृत्यु निकट हो तो क्या करना चाहिए.
देवकीनंदन ठाकुर जी ने बताया है कि कैसे हम अपने किसी करीबी की मृत्यु होने पर उसे नर्क में जानें से बचा सकते हैं.
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने गरुण पुराण का हवाला देते हुए कहा कि जब किसी की मृत्यु हो जाए तो उसे बिस्तर की जगह जमीन पर कुशा बिछाकर लेटाना चाहिए.
उसके बाद मृत व्यक्ति के माथे पर चंदन लगाना चाहिए और उसके पास तुलसी रखें.
फिर मृत इंसान के मुख में भगवान का चरणामृत और गंगाजल डालें और उसके शरीर से तुलसी का स्पर्श कराएं.
इसके बाद जोर-जोर से भगवान के नाम का जाप करें. उनसे संबंधित व्यक्ति के लिए स्वर्ग का द्वार खोलने की प्रार्थना करें.
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि ऐसा करने से मृत व्यक्ति नर्क में नहीं जाता और उसे सीधा मोक्ष मिलता है.
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