29 May 2025
aajtak.in
बचपन से हम ये सुनते आ रहे हैं कि माहवारी के दौरान महिलाओं को मंदिर में नहीं जाना चाहिए.
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि किस वजह से महिलाओं को पीरियड या माहवारी होती है. चलिए प्रेमानंद महाराज से सुनते हैं इससे जुड़ी कथा.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'मासिक धर्म कोई निंदनीय बात नहीं है बल्कि यह बहुत ही वंदनीय बात है.'
'माताओं ने देवराज इंद्र द्वारा ब्रह्म हत्या को अपने ऊपर लिया है. इसलिए वे अपराधी नहीं है.'
'दरअसल, देवराज इंद्र पर वृतासुर का वध करने पर ब्रह्म हत्या का पाप लगा था. ब्रह्म ऋषियों ने इंद्र को इससे बचाने के लिए इस पाप को विभाजित कर दिया.'
'इसका पहला भाग नदी को दिया, जो नदियों पर फेन बुदबुदा के रूप में ऊपर आते रहते हैं. वहीं, दूसरा भाग वृक्षों को दिया गया और यह पेड़ों पर गोंद के रूप में होता है.'
'तीसरा भागभूमि को दिया जो बंजर भूमि के रूप में होता है. चौथा भाग माताओं-बहनों को दिया जो मासिक धर्म के रूप में होता है.'
आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'ये महिलाओं की वंदना है कि इन्होंने त्रिभुवन पति ब्रह्मऋषियों ही हत्या को अपने ऊपर लिया है.'