4 may 2025
aajtak.in
वृंदावन के जाने माने प्रेमानंद जी महाराज अक्सर लोगों को जीवन से जुड़ी समस्याओं का हल बताते हैं.
वहीं, एक महिला अपनी समस्या लेकर प्रेमानंद महाराज के पास पहुंची, '7 महीने पहले मेरे पति की मृत्यु हो गई है और उसी दिन सुबह मुझे मेरे पति की मृत्यु का आभास हुआ था.'
प्रेमानंद महाराज ने इस बात पर उत्तर देते हुए कहा कि, 'कोई आम व्यक्ति इतना सिद्ध नहीं होता है कि जो सोचो वही हो जाए.'
'दरअसल, कभी कभी हम सोचते हैं और घटना घट जाती है. इसलिए, जो घटना घटनी होती है वही सोच आ जाती है.'
'ऐसा नहीं है कि आपने सोचा, वो घटना घट गई. ऐसा सोचकर अपने अंदर शोक नहीं करना कि हमने अपने पति का हित कर दिया.'
'हमारे या आपके सोचने से किसी की मृत्यु नहीं होती है, बल्कि जो विधाता ने लिख दिया है वही हर किसी के जीवन में होना है.'
'व्यक्ति की जितनी आयु लिखी है उतना ही वह जिएगा. क्योंकि जिसकी जब मृत्यु लिखी है उसकी मृत्यु तब ही होनी है.'