20 Apr 2025
Aajtak.in
भगवान श्रीकृष्ण, जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु के अवतार हैं. उनकी पूजा राधारानी के साथ तो की ही जाती है, लेकिन बहुत से भक्त भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की भी सेवा करते हैं.
जो भक्त बाल गोपाल की सेवा करना पसंद करते हैं, वे अपने घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करते हैं. अगर
आपके घर में भी लड्डू गोपाल विराजमान हैं, तो उनकी सेवा एक छोटे बालक की तरह करनी चाहिए- जैसे नहलाना, वस्त्र पहनाना, सुलाना और सबसे महत्वपूर्ण, भोग लगाना.
शास्त्रों के अनुसार भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए जाते हैं, लेकिन रोजमर्रा में यह हमेशा संभव नहीं हो पाता. फिर भी यह जरूर प्रयास करें कि दिन में चार बार नियमपूर्वक लड्डू गोपाल को भोग अर्पित करें.
अक्सर देखा जाता है कि लोग भोग लगाकर कुछ ही मिनटों में उठा लेते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार भगवान को कम से कम 45 मिनट से 1 घंटे तक भोग अर्पित करना चाहिए.
ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि जब ठाकुर जी भोजन करते हैं, तब उनके साथ उनके सखा और ग्वाले भी आते हैं. सभी मिलकर प्रेमपूर्वक भोग पाते हैं. अगर आप जल्दी में भोग हटा देंगे, तो ठाकुर जी पूरा भोग नहीं ले पाते.
भोग लगाते समय एक नियम बना लें- जैसे भोग अर्पण करते समय आप ठाकुर जी से कहें "ठाकुर जी, हम इतनी देर में प्रसाद उठाने आएंगे, तब तक आप प्रेम से भोग ग्रहण कर लें." ऐसा कहने से भगवान आपके भाव से प्रसन्न होते हैं.
भोग लगाते समय तुलसी दल अवश्य अर्पित करें, क्योंकि तुलसी के बिना भगवान कोई भी भोग स्वीकार नहीं करते. भोग लगाकर पर्दा डालें, फिर घंटी या ताली बजाकर आनंदपूर्वक ठाकुर जी से भोग स्वीकार करने का निवेदन करें.