18 Oct 2024
By: Aajtak.in
रोशनी का त्योहार दीपावली आने वाला है. यह पर्व हिंदू पुराणों में खासा महत्व रखता है.
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इस दिन भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे. उनके लौटने की खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं.
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तभी से हर साल दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को धूमधाम से मनाया जाता है.
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इस बार दिवाली की तारीख को लेकर लोगों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ लोगों का कहना है कि दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी, तो वहीं बहुत से लोग 1 नवंबर को दिवाली बता रहे हैं.
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अगर आप भी असमंजस में हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि दिवाली 31 अक्टूबर को है या 1 नवंबर को.
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सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कार्तिक मास की अमावस्या कब है?
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कार्तिक मास की अमावस्या 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी और यह 1 नवंबर को शाम को 6 बजकर 16 मिनट को समाप्त हो जाएगी.
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अमावस्या की तिथि को देखते हुए बहुत से पंडितों का मानना है कि दीपावली, 1 नवंबर को मनानी चाहिए क्योंकि उदय तिथि में अमावस्या उसी दिन है.
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हालांकि, ज्योतिषविद प्रवीण मिश्रा शास्त्रों को ध्यान में रखकर बताते हैं कि दीपावली का त्योहार ऐसा पर्व है, जो रात को मनाया जाता है.
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वह कहते हैं कि शास्त्रों में अमावस्या के दिन रात को पूजा करने का महत्व है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की आराधना भी रात को ही की जाती है.
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ज्योतिषविद प्रवीण मिश्रा कहते हैं कि 31 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि रहेगी, लेकिन 1 नवंबर की रात आने से पहले वह समाप्त हो जाएगी. 1 नवंबर की रात को प्रतिपदा तिथि होगी.
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ऐसे में ज्योतिषविद के अनुसार, शास्त्रों के हिसाब से 31 अक्टूबर की रात्रि में दीपावली पूजन करना उचित है. सभी को इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को मनानी चाहिए.
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