21 oct 2024
aajtak.in
दीपावली का पर्व 5 दिनों का होता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर होता है.
इस बार लोगों में धनतेरस की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है. तो चलिए जानते हैं कि धनतेरस इस साल कब मनाया जाएगा.
धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है. इस बार धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
धनतेरस के दिन धन्वंतरि जयंती एवं धन त्रयोदशी भी मनाई जाती है. चलिए पहले जानते हैं कि 29 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जा रहा है धनतेरस का त्योहार.
ज्योतिर्विद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी जी के मुताबिक, धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 मिनट पर शुरू हो जाएगी और तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 मिनट पर होगा.
इस दिन प्रदोष काल शाम 5:38 मिनट से लेकर रात 8:13 मिनट तक रहेगा. क्योंकि, इस दिन प्रदोष काल में त्रयोदशी मिलने के कारण ही 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा.
धनतेरस के लिए 29 अक्टूबर को गोधूली काल यानी शाम में 6:31 मिनट से लेकर रात 8:31 मिनट तक रहेगा. यानी धनतेरस पूजन के लिए 1 घंटा 42 मिनट का मुहूर्त मिलेगा.
धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है जिसमें खरीदारी करना शुभ माना जाता है. पहला खरीदारी मुहूर्त इस दिन सुबह 6:31 मिनट से अगले दिन सुबह 10:31 मिनट तक रहेगा.
दूसरा मुहूर्त- 29 अक्टूबर को सुबह 11:42 मिनट से लेकर दोपहर 12:27 मिनट तक रहेगा.
धनतेरस का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है. सबसे पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. इसके बाद गंगाजल छिड़कर सबकुछ शुद्ध कर लें. इसके बाद भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा लगाएं.
भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं और एक कलश स्थापित करें. देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें.
धनतेरस वाले दिन पान के पत्ते, धनिया, माता लक्ष्मी के चरण, लक्ष्मी नारायण प्रतिमा, झाड़ू, खील बताशे आदि.