6 दिन बाद चातुर्मास होंगे शुरू, इन 4 महीनों में भूलकर भी न करें ये गलतियां

2 July 2025

aajtak.in

चातुर्मास को चातुर्मास व्रत के नाम से भी जाना जाता है, जो चार महीनों का होता है. ये आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी से शुरू होता और इसका  समापन कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी पर होता है. 

इस बार चातुर्मास 6 जुलाई से शुरू होगा और ये 1 नवंबर को समाप्त होगा. हिंदू धर्म के लिए ये चार महीने बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाते हैं.

मान्यताओं के अनुसार, हर वर्ष देवशयनी एकादशी से श्रीहरि चार महीने की निद्रा में चले जाते हैं और इन महीनों में शादी, सगाई और मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों पर भी रोक होती है.

ऐसा मानते हैं कि चातुर्मास में सिर्फ श्रीहरि की पूजा, धार्मिक कार्य और भजन कीर्तन जैसे कार्य करने चाहिए. और ऐसा भी कहते हैं कि भगवान शिव पूरे ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं.

इस दौरान विवाह, शादी, मुंडन और गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर रोक लगी रहती है. इसके अलावा, इस दौरान हरि सब्जियां, दाल, दही, दूध और प्याज, लहसून, मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

इन कार्यों पर रहती है रोक

चातुर्मास में बाल या दाढ़ी भी नहीं कटवानी चाहिए. साथ ही, तांबा के बर्तन में खाना भी नहीं चाहिए.

चातुर्मास के दौरान पूजन और व्रत करना बेहद लाभकारी माना जाता है. कहते हैं कि इस दौरान भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की उपासना के साथ साथ विष्णु सहस्त्रनाम और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें. 

करें ये काम

इस बीच घर में पीपल का पेड़ भी लगाना चाहिए, ऐसा करने से श्रीहरि की कृपा बनी रहती है. साथ ही, मां लक्ष्मी, माता पार्वती और भगवान गणेश का पूजन करना भी शुभ माना जा रहा है.