5 July 2025
aajtak.in
हर साल देवशयनी एकादशी आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. कहते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिद्रा में चले जाते हैं
श्रीहरि के इन 4 महीने की योगनिद्रा में जाते ही चातुर्मास की भी शुरुआत हो जाती है. यानी, चातुर्मास वो समय होता है जब श्रीहरि सो जाते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के योगनिद्रा में चले जाने के बाद भगवान शिव इस ब्रह्मांड की देखरेख करते हैं.
इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई, आज है और आज से ही चातुर्मास का समय भी शुरू हो जाएगा. चातुर्मास के शुरू होते ही सभी मांगलिक और शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाती है.
ज्योतिषियों के अनुसार, चातुर्मास का समय बहुत ही अशुभ और बहुत ही खतरनाक माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि कल से किन शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी.
इस दौरान मांगलिक समारोह करने या करवाने से बचें जैसे- शादी और विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन और नामकरण. इस समय ये सब अशुभ माना जाता है.
ऐसा भी कहा जाता है कि जब मां लक्ष्मी-श्रीहरि और अन्य देवतागण योगनिद्रा में चले जाते हैं तो उस समय किसी नए कार्य या बिजनेस की भी शुरुआत नहीं करनी चाहिए.
चातुर्मास के समय शुद्ध और शाकाहारी भोजन यानी सात्विक खाने का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा, तामसिक भोजन से दूर बनाकर रखनी चाहिए जैसे प्याज, लहसून और चिकन आदि.
इस दौरान मन में किसी भी तरह के नकारात्मक विचार जैसे झूठ बोलना, दुर्व्यवहार करना भी अशुभ माना जाता है.