Aaj Tak
हिन्दू धर्म में सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह का विशेष महत्व बताया गया है. इन चारों महीनों को मिलाकर चातुर्मास बनता है.
इस बार चातुर्मास 29 जून से 23 नवंबर तक रहेगा. चातुर्मास में कुछ कार्य वर्जित बताए गए हैं. ये कार्य देवशयनी एकादशी तक वर्जित होते हैं.
1. चातुर्मास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. साथ ही, इसमें मुंडन और गृह प्रवेश करने से भी बचना चाहिए.
2. चातुर्मास का पहला महीना सावन होता है. सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए.
3. चातुर्मास का दूसरा महीना भाद्रपद होता है और भाद्रपद में दही का सेवन नहीं किया जाता है.
4. चातुर्मास का तीसरा महीना आश्विन होता है और इसमें दूध और मसूर दाल जैसी चीजें वर्जित मानी गई हैं.
5. चातुर्मास का चौथा महीना कार्तिक होता है और इसमें लहसुन, प्याज, बैंगन, और लहसुन-प्याज जैसी चीजें वर्जित मानी गई हैं.
6. चातुर्मास में मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें और ब्रह्मचर्या के नियमों का पालन करें.