24 June 2025
aajtak.in
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थों में से एक है, जो न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इन चारों धामों की यात्रा करने से एक व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं का आभास होता है.
उत्तर भारत के ये चार प्रमुख तीर्थ- बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारकाधीश और जगन्नाथ पुरी, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
मान्यता है कि इन पवित्र स्थलों से कुछ विशेष चीजें लेकर आने से जीवन में शुभता, शांति और समृद्धि बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इन चार धामों से आपको कौन-कौन सी चीजें जरूर लानी चाहिए.
बद्रीनाथ प्रथम सत्युग का प्रतीक है. एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है. यह स्थान भगवान विष्णु को समर्पित है. बद्रीनाथ से व्यक्ति को वैजयंती माला और तुलसी की माला लेकर आनी चाहिए.
वैजयंती माला विशेष रूप से भगवान विष्णु को प्रिय मानी जाती है. तुलसी की माला भी धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है.
रामेश्वरम, जो त्रेतायुग का प्रतीक है, दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है. रामेश्वरम से आपको पवित्र जल लेकर आना चाहिए. इसे घर में रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और यह किसी भी कठिनाई को दूर करने में सहायक माना जाता है.
द्वारकाधीश, जो द्वापर युग का प्रतीक है, गुजरात राज्य में स्थित है. इस स्थान से आपको गोपी चंदन और मोरपंख लेकर आना चाहिए. गोपी चंदन का उपयोग पूजा और तंत्र-मंत्र में किया जाता है. वहीं, मोरपंख भी भगवान कृष्ण को प्रिय है.
27 जून को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी. जगन्नाथ पुरी, जो कलियुग का प्रतीक है. यह भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्राजी की पवित्र धरती है.
जगन्नाथ मंदिर की बेंत (छड़ी) बहुत पवित्र मानी जाती है. रथ यात्रा के दौरान इसे भक्तों को स्पर्श कराया जाता है, जिससे बल, बुद्धि और यश की प्राप्ति होती है.
इसके अलावा यहां से निर्माल्य लेकर आना चाहिए. निर्माल्य एक तरह का सूखा चावल होता है, जिसे भगवान को भोग लगाकर सुखाया जाता है. यह लाल कपड़े की पोटली में भक्तों को दिया जाता है.