आचार्य चाणक्य ने बताया विष समान होते हैं ऐसे मित्र, हमेशा देते हैं धोखा

2 July 2025

aajtak.in

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन से जुड़ी हर समस्या और समाधान का जिक्र किया है.

आचार्य चाणक्य ने ये भी बताया कि किस तरह के मित्रों पर भरोसा नहीं करना चाहिए और कौन से मित्र छल कपट वाले होते हैं.

वो कहते हैं कि पीठ पीछे काम बिगाड़ने वाले तथा मुंह के सामने मीठा बोलने वाले मित्र घड़े में भरे विष के समान होते हैं जिनसे बिना कुछ सोचे समझे दूरी बना लेनी चाहिए.

आचार्य चाणक्य के मुताबिक, विष को कोई अपनाता नहीं है. इसलिए, चिकनी चुपड़ी बात करने वाले और पीठ के पीछे बुराई करने वाले छली लोगों से दूर ही रहना चाहिए.

ऐसे लोगों को जिंदगी से त्याग देना ही उचित होता है. और न ऐसे लोगों को मित्र कहना सही होगा, बल्कि ये लोग सिर्फ ओर सिर्फ शत्रु ही होते हैं.

उनका मानना है कि ऐसे मित्रों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए. क्योंकि बुरी आदत के कारण सच्चा मित्र भी धोखा दे देता है.

इसके अलावा, कितना ही सच्चा मित्र या लंगोटिया यार क्यों न हो उसके साथ भी अपने जीवन के राज साझा नहीं करने चाहिए.

अत: आचार्य चाणक्य का विश्वास है कि अच्छे और सच्चे मित्र के सामने भी अपने भेद नहीं खोलने चाहिए क्योंकि कुछ बातें छुपाना ही सही होता है.