आचार्य चाणक्य ने ऐसे दोस्त के बारे में बताया है जो कभी भी धोखा नहीं देता है.
किसी गंभीर रोग से पीड़ित होने पर, या दुख के समय अगर कोई साथ नहीं छोड़ता तो वह सच्चा दोस्त होता है.
चाणक्य के अनुसार, किसी तरह का आकाल पड़ने पर, शत्रुओं के घेरने पर जो साथ नहीं छोड़ता वो सच्चा मित्र होता है.
इसी तरह शमशान या किसी की मृत्यु के समय जो इंसान साथ नहीं छोड़ता है, वह भी सच्चा मित्र होता है.
चाणक्य कहते हैं कि ये सब ऐसे मौके होते हैं, जिनमें एक मित्र की जरूरत होती है.
जो व्यक्ति खुद को मित्र कहता हो लेकिन ऐसी स्तिथि में काम न आए, वह कभी भी आपका मित्र नहीं हो सकता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो दूसरे की सहायता करता है, अंत में उसको ही सहायता मिलती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो समय पर किसी के काम ना आए, उसका साथ कोई नहीं देता है.
वहीं चाणक्य कहते हैं कि मित्र हमेशा समझदार और गुणी व्यक्ति को ही बनाना चाहिए.