आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग उत्साही होते हैं वह अपने अति शत्रु को भी वश में कर सकते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, उत्साही व्यक्ति के लिए इस संसार में कोई ऐसा कार्य नहीं है तो वह न कर पाए.
चाणक्य के अनुसार, उत्साही लोगों ने संसार में असंभव कार्यों को भी संभव करके दिखाया है.
अगर आदमी उत्साही है तो वह अपने मन में रहने वाली पापवासनाओं पर भी विजय प्राप्त कर सकता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस इंसान के अंदर कुछ करके दिखाने की हिम्मत होती है, वह संसार में सफल होता है.
जो इंसान आलसी होता है और मन से उत्साही नहीं होता है तो वह जीवन में कभी कुछ नहीं कर पाता है.
जो लोग हर काम को उत्साह के साथ करते हैं वह हमेशा तरक्की करते हैं और दूसरों से आगे रहते हैं.
वहीं जिन कार्यों में निश्चित सफलता होती है, अगर वह भी बिना उत्साह से किया जाए तो सफलता हाथ नहीं लगती है.
चाणक्य के अनुसार, भाग्य का सहारा कायर पुरुष लेते हैं. जबकि उत्साही उन कार्यों को भी पूरा कर लेते हैं जिनकी सफलता पर संदेह होता है.