15 Apr 2025
By- Aajtak.in
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि इंसान का सबसे बड़ा मित्र धन ही होता है.
जब धन इंसान के पास नहीं होता है तो उस समय हर कोई उससे मुंह मोड़ लेता है. इसी वजह से गरीबी अभिशाप जैसी है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि निर्धन पर हमेशा कोई न कोई संकट बना रहता है. गरीबी में जीवन निर्वाह काफी कठिन है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग निर्धन होते हैं उनके लिए परिवार से अलग खुद का जीवन चलाना भी कठिन है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक समय आने पर गरीबी की वजह से ही सगे-संबंधी भी आदमी का साथ छोड़ देते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, चाहे कोई अच्छा दोस्त हो या कोई रिश्तेदार, हर कोई गरीब आदमी से दूर भागते हैं.
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि, समाज में भी हर गरीब आदमी का कहीं भी सम्मान नहीं किया जाता है.
चाणक्य के अनुसार, गरीब इंसान अगर कोई काम की अच्छी बात भी बोलता है तो भी उसका कोई मूल्य नहीं होता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आदमी अगर धैर्यपूर्वक कोशिश करें तो वह गरीबी से बाहर निकलकर जीवन खुशहाल कर सकता है.