27 June 2025
aajtak.in
आचार्य चाणक्य भारत के महान विचारकों में से एक थे. उन्होंने अपने नीतिशास्त्र के माध्यम से मानव जीवन के हर पहलू को सुलझाया है.
उन्होंने चाणक्य नीति में महापाप के बारे में बताया है, जिसे करने के बाद जातक को न तो समाज माफ करता है और न ही ईश्वर.
चाणक्य नीति के अनुसार, माता-पिता ईश्वर का स्वरूप होते हैं और माता-पिता के लिए अपशब्द बोलना महापाप है, जिसकी कोई क्षमा नहीं है.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान दूसरों अपने शब्दों से सबसे अधिक चोट पहुंचाता है. उनके मुताबिक शब्दों में वो शक्ति होती है, जो बिना हाथ लगाए भी दिल को तोड़ सकते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, क्रोध में इंसान अपने माता-पिता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल कर लेता है, जो सीधे उनके हृदय को घायल कर देते हैं.
ऐसे शब्द सुनने के बाद भले ही माता-पिता उस इंसान को दिल से माफ कर दें, लेकिन ईश्वर ऐसे व्यक्ति को कभी क्षमा नहीं करते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग जीवनभर पछताते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें पाप से मुक्ति नहीं मिलती है.
चाणक्य कहते हैं कि अपनी वाणी-व्यवहार से कभी किसी के मन को चोट न पहुंचाए. अन्यथा इस पाप की सजा बहुद भयावह हो सकती है.