घर की खुशियां छीन लेता है ऐसा धन, जीवन भर परेशान रहता है आदमी

17 Apr 2025

Aajtak.in

आचार्य चाणक्य ने ऐसे धन का वर्णन किया है जो आदमी की खुशहाली छीन लेता है. समाज में भी उसे इज्जत नहीं मिलती है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस धन को सदाचार का त्यागकर कमाना पड़े वह किसी काम नहीं होता है.

चाणक्य के अनुसार, सदाचार को त्यागकर धन अर्जित करने वालों को समाज में सम्मान नहीं मिलता है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, सदाचार त्यागकर पैसा कमाने वाले लोगों के मान-सम्मान में कमी आ जाती है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसा पैसा भी किसी काम नहीं, जो दुश्मन की की चापलूसी करके कमाया गया हो.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो आदमी ऐसा धन कमाता है वह अंदर से हमेशा आत्मग्लानि और भय महसूस करता है.

चाणक्य के अनुसार,  गलती से भी अगर यह भेद अपनों में खुल जाए तो यही धन आपकी इज्जत को तार-तार कर सकता है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के लिए इस तरह के धन का त्याग करना ही सबसे ठीक मार्ग है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी धन की वजह से अगर यातनाएं सहनी पड़ती हों तो वह किस काम का है.