बड़ा नुकसान कर देगी समाज में बेटे की तारीफ, चाणक्य ने बताई वजह

12 june 2024

By- Aajtak.in

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी का बेटा कितना ही गुणवान हो, उसकी समाज में तारीफ नहीं करनी चाहिए.

चाणक्य कहते हैं कि किसी के लिए जैसे खुद की तारीफ अच्छी नहीं होती है, ऐसे ही पिता को गुणी पुत्र की तारीफ से बचना चाहिए.

समय-समय पर पुत्र को उत्साहित करना बेशक पिता का कर्तव्य होता है लेकिन उसके गुणों का उल्लेख समाज में न करें.

अगर दूसरों के सामने बेटे की तारीफ होती है तो यह आत्ममंथन जैसा ही है, ऐसा आदमी लोगों के बीच हंसी का पात्र बन सकता है.

पिता की तारीफ करने की आदत समाज में मजाक उड़वा सकती है, जिसका बुरा असर मानसिक स्थिति पर भी हो सकता है.

घर में बेटा अगर गुणवान है तो इसकी कोई जरूरत नहीं कि समाज में लोगों के सामने सबको उसके गुणों के बारे में बताया जाए. 

अगर कोई पिता बार-बार समाज में बेटे की तारीफ करता है तो लोग बातों पर भरोसा करना छोड़ सकते हैं.

अगर घर में गुणवान पुत्र हो तो नाम खुद ही समाज में रोशन हो जाता है. गुणवान पुत्र को समाज में तारीफ की जरूरत नहीं है.