23 Mar 2025
By- Aajatk.in
कुछ लोगों के घर धन तो बहुत आता है लेकिन फिर भी वहां रौनक नहीं देखने को मिलती है.
ऐसे घरों में धन होने के बावजूद बरकत नहीं होती है. हमेशा नकारात्मक माहौल रहता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो धन सदाचार त्यागकर आदमी को जीवन में कमाना पड़े वह पूरी तरह बेकार है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति सदाचार को त्यागकर धन कमाता है तो उसका समाज में सम्मान नहीं होता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, वह धन भी किसी काम का नहीं होता है जिसे दुश्मन की चापलूसी करके कमाया गया हो.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो भी इंसान इस तरह का धन कमाता है वह हमेशा भीतर से आत्मग्लानि और भय महसूस करता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर भूल से भी यह भेद खुल जाए तो ऐसा धन अपने लोगों में भी इज्जत को तार-तार कर सकता है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि समाज में हर तरह के व्यक्ति के लिए ऐसे धन का त्याग कर देना ही सबसे मुश्किल रास्ता है.
धन के लिए यातनाएं सहनी पड़ें तो वह किस काम का है. ऐसे धन से दूर रहें, वरना कभी घर में खुशहाली नहीं रहेगी.