आचार्य चाणक्य के अनुसार संसार में अनेक प्रकार के लोग वास करते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि कई लोग आपके जीवन में खुशियां लाते हैं तो कई आपका जीवन तबाह कर सकते हैं.
कई ऐसे लोग होते हैं जो आपके करीबी होने का ढोंग करते हैं लेकिन वास्तव में वो आपका जीवन बर्बाद कर रख देते हैं.
चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से ऐसे लोगों के बारे में बताया है और इनसे बचकर रहने की सलाह दी है.
जो लोग एक-दूसरे के गुप्त रहस्यों को उजागर कर देते हैं, ऐसे व्यक्तियों को चाणक्य ने पतित, अधम और दुष्ट कहा है.
चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्ति दूसरे को अपमानित कर आनंद का अनुभव करते हैं.
मनुष्य को ऐसे व्यक्तियों से बचकर रहना चाहिए. ऐसे लोग आपका जीवन और धन दोनों तबाह कर सकते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि अंत में ऐसे व्यक्तियों का बांस में फंसे सर्प की भांति उनका नाश हो जाता है.