आचार्य चाणक्य ने श्लोक और सूत्र दोनों रूपों में नीति शास्त्र का व्याख्यान किया है.
चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में ऐसी 4 चीजों का जिक्र किया है, जिनका महत्व पूरी दुनिया में सबसे ऊपर है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से सबसे पहले दान का जिक्र किया है.
वह बताते हैं कि दुनिया में अन्न और जल के जैसा कोई दान नहीं है. इसलिए व्यक्ति को अन्न-जल का दान करते रहना चाहिए.
इसके बाद आचार्य ने 12वीं तिथि यानी द्वादशी के दिन को सबसे पवित्र बताते हुए कहा है कि इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु की कृपा रहती है.
आचार्य ने तीसरी चीज के तौर पर गायत्री मंत्र का जिक्र किया है. वो इस मंत्र को सबसे बड़ा मंत्र बताते हैं.
चाणक्य के मुताबिक, इस मंत्र का जाप करने वाले मनुष्य को शक्ति, धन और सुख प्राप्त होता है.
सबसे बड़े भगवान के बारे में चाणक्य बताते हैं कि धरती पर मां का स्थान सबसे ऊपर है. उनसे बड़ा कोई भगवान या देवता नहीं है.
मां की सेवा से मनुष्य को सभी तीर्थ यात्रा का लाभ मिलता है. यही कारण है कि चाणक्य, मां को संसार में सबसे ऊपर मानते हैं.