चैत्र पूर्णिमा पर तुलसी पूजन में भूलकर भी न करें ये गलतियां, रूठ सकती हैं मां लक्ष्मी

10 Apr 2025

Aajtak.in

चैत्र माह को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है. इस महीने की पूर्णिमा तिथि, यानी चैत्र पूर्णिमा, का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है.

इस बार चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल, शनिवार के दिन है और उसी दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी. 

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. साथ ही तुलसी माता की पूजा भी इस दिन बहुत लाभकारी मानी जाती है.

मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

लेकिन ध्यान रहे तुलसी पूजन करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है, वरना मां लक्ष्मी रूठने सकती हैं, जिससे घर में आर्थिक संकट आ सकता है.

आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजन में कौन-कौन सी 5 गलतियाँ नहीं करनी चाहिए.

चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना शास्त्रों में वर्जित बताया गया है. इस दिन तुलसी माता को छेड़ना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से माता लक्ष्मी क्रोधित हो सकती हैं.

तुलसी का पत्ता न तोड़ें

तुलसी के पौधे के आसपास गंदगी बिल्कुल न रखें. इस दिन सफाई का विशेष ध्यान रखें. साफ-सफाई से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

तुलसी के पास रखें साफ-सफाई

शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को खुले बालों में तुलसी को जल अर्पण नहीं करना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है और इससे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता.

महिलाएं खुले बालों में न अर्पित करें जल

तुलसी में जल अर्पण का समय केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक होता है. सूर्यास्त के बाद तुलसी को जल देना गलत माना जाता है.

सूर्यास्त के बाद न चढ़ाएं जल

चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी को काले कपड़े से न ढकें, न ही पास में काले वस्त्र रखें. काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और इससे लक्ष्मी जी नाराज हो सकती हैं.

तुलसी पर न बांधें काला कपड़ा