कल या परसों, कब है चैत्र नवरात्र की अष्टमी? दूर कर लें तिथि का कंफ्यूजन

4 april 2025

aajtak.in

चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि इस बार 5 अप्रैल यानी कल मनाई जाएगी. और इसी के अगले दिन 6 अप्रैल को राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा.

चैत्र नवरात्र के दो दिन सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं पहली अष्टमी तिथि और दूसरी नवमी तिथि. 

अष्टमी तिथि के दिन नवदुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की उपासना की जाती है. ज्योतिषियों की मानें तो, अष्टमी के दिन लोग  उपवास रखते हैं और कई लोग अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन भी करते हैं.

इस बार अष्टमी तिथि 5 अप्रैल को है. इस बार अष्टमी तिथि 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा.

अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त

अष्टमी तिथि के दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन रवि योग सुबह 5:32 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 6 अप्रैल को सुबह 6:05 मिनट पर होगा. इस योग में भी कन्या पूजन किया जाता है.

वैसे तो, कन्या पूजन भी अभिजीत मुहूर्त में करना चाहिए. इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से लेकर दोपहर 12:49 मिनट तक है.

इस दिन कम से कम 9 कन्याओं को आमंत्रित करें. मान्यतानुसार 2 से 10 वर्ष की कन्या उत्तम होती हैं. अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग अलग रूप को बताती हैं.

ऐसे करें कन्या पूजन

उसके बाद उन्हें ऊंचे आसन पर बैठाकर उनकी पूजा करें. उनके चरण साफ जल से धुलाएं. उन्हें चुनरी ओढ़ाकर माला पहनाएं और फिर उन्हें सात्विक भोजन खिलाएं, विशेष रूप से हलवा पूरी खिलाएं.

भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार देकर, चरण स्पर्श करके उन्हें श्रद्धापूर्वक विदा करें.