मां दुर्गा को समर्पित चैत्र नवरात्रि का महापर्व चल रहा है. चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है.
महा अष्टमी और महानवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ ही नवरात्रि समाप्त हो जाते हैं.
इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि क्रमश: 16 और 17 अप्रैल को पड़ रही है. आइए जानते हैं कि अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजा का मुहूर्त क्या है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 16 अप्रैल को है. इस दिन मां गौरी के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होगी.
इस बार अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन के 2 शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त सुबह 7.51 बजे से सुबह 10.41 बजे तक है. फिर दूसरे मुहूर्त सुबह 11.55 बजे से दोपहर 12.47 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में होगा.
जबकि महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6.27 बजे से सुबह 7.51 बजे तक रहेगा. कन्या पूजन के लिए आपको 1 घंटा 24 मिनट का समय मिलेगा.
नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर अपने घर छोटी-छोटी कन्याओं को आमंत्रित करें. पुष्प वर्षा के साथ इनका स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं.
अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं. देवी के स्वरूपों का नाम लेते रहें.
फिर कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं.