आखिर क्यों गौतम बुद्ध के घर छोड़ने के बाद पत्नी यशोधरा ने अपनाया था भिक्षुणी का जीवन? जानें कारण

12 May 2025

aajtak.in

इस बार बुद्ध पूर्णिमा 12 मई यानी आज मनाई जा रही है. इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा-उपासना की जाती है.

कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने सभी मोह-माया त्यागकर गृहस्थ जीवन छोड़ संन्यास अपना लिया था. तो चलिए जानते हैं कि आखिर गौतम बुद्ध के संन्यास लेने के बाद उनकी पत्नी और उनका क्या हुआ था.

गौतम बुद्ध की पत्नी का नाम रानी यशोधरा था. रानी यशोधरा इक्ष्वाकु के वंशज और कोलिय वंश के राजा सुप्पाबुद्ध और रानी पामिता के पुत्री थी. कहा जाता है कि यशोधरा बहुत ही सुंदर थीं.

दूसरी तरफ लुंबनी वन में शाक्य वंश के राजा शुद्धोधर और रानी मायादेवी के घर एक पुत्र का जन्म हुआ, जिसको आगे चलकर गौतम बुद्ध के नाम से जाना जाने लगा. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था.

लगभग 16 वर्ष की आयु में राजकुमार सिद्धार्थ का विवाह राजकुमारी यशोधरा के साथ हो गया था. क्योंकि उस समय कोलिय और शाक्य वंश सबसे शाही वंश माने जाते थे. 

यशोधरा अपने पति सिद्धार्थ के प्रति पूरी तरह पत्नी धर्म का पालन करती थीं और कामकाज का भी पूरा ख्याल रखती थीं.

यशोधरा इस बात से पूरी तरह परिचित थी कि लोगों की समस्याएं देखकर सिद्धार्थ एक संन्यासी जीवन की तरफ अग्रसित हो रहे हैं. वहीं, सिद्धार्थ भी चिंतित थे कि उनकी मृत्यु भी दुख, बुढ़ापे और सेहत से जुड़ी पीड़ा को सहते सहते हो जाएगी.

जब सिद्धार्थ ने त्यागा शाही जीवन

लगभग, शादी के 13 साल बाद यशोधरा ने राहुल नाम के पुत्र को जन्म दिया. लेकिन, तब तक सिद्धार्थ भी शाही जीवन को त्यागने का फैसला कर चुके थे. 

शाही जीवन का त्याग कर सिद्धार्थ आत्मज्ञान की खोज में निकल पड़े थे और इसी बात को लेकर यशोधरा भी बहुत दुखी थी.

लेकिन, यशोधरा ने भी फैसला किया कि अगर उनके पति ने शाही जीवन त्याग दिया है तो वो भी अपना शाही जीवन त्याग देंगी. 

जिसके बाद, यशोधरा महल के बगीचे में एक छोटी झोपड़ी डालकर वहीं रहने लगीं और अपने बेटे को पति के जीवन, शिक्षाओं से सीख लेने को कहती थीं. 

यशोधरा को अंदाजा हो गया था कि गौतम बुद्ध की घर वापसी अब एक संन्यासी के तौर पर होगी.

6 साल के ज्ञान प्राप्ति के पश्चात बुद्ध 100 साधु-संतों के साथ वापिस लौटे. लेकिन, यशोधरा उनसे मिलने नहीं पहुंचीं.

बुद्ध से दोबारा मुलाकात

बल्कि, यशोधरा ने गौतम बुद्ध का स्वागत अपनी छोटी से झोपड़ी में ही किया. जिसके बाद गौतम बुद्ध उनसे मिलने गए. 

यशोधरा ने गौतम बुद्ध से ज्ञान की राह पर ले चलने का अनुरोध किया. इसके बाद गौतम बुद्ध ने यशोधरा और राहुल को भी अपनी शरण में ले लिया था. क्योंकि यशोधरा ने भी एक भिक्षुणी का जीवन अपना लिया था इसलिए उन्हें आगे चलकर गौतमी के नाम से जाना जाने लगा था.

यशोधरा ने बिताया भिक्षुणी का जीवन