09 May 2025
aajtak.in
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा का शुभ पर्व 12 मई को मनाया जाएगा. इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है, जो भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है.
बौद्ध धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. इसी कारण यह दिन अध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
इस पवित्र अवसर पर गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है. साथ ही, श्री सत्यनारायण व्रत और पूजन से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर रवि योग, भद्रावास योग और वरीयान योग जैसे कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. इन योगों में भगवान बुद्ध की पूजा और ध्यान करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा 11 मई को शाम 08 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 12 मई की रात 10 बजकर 25 मिनट पर होगा. इस प्रकार, उदया तिथि के अनुसार 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा.
ज्योतिषियों के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा पर रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05:32 से 06:17 तक है. इस योग में भगवान बुद्ध की पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ और समृद्धि प्राप्त होती है. इसके साथ ही, सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलेगी.
वैशाख पूर्णिमा पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी. इस योग में गंगा स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
ज्योतिषियों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन वरीयान योग का निर्माण हो रहा है. यह योग संपूर्ण रात्रि बना रहेगा. इसमें साधक विष्णु पूजन, ध्यान और जप करके विशेष पुण्य अर्जित कर सकते हैं.