बुद्ध पूर्णिमा पर न करें तुलसी से जुड़ी ये 5 गलतियां, रुष्ट हो जाएंगी मां लक्ष्मी 

वैशाख पूर्णिमा 23 मई को है. इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. कहते हैं कि इस दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अतवार माना जाता है.

बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. लेकिन इस दिन तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां करने से वह रुष्ट हो सकते हैं.

1. यदि बुद्ध पूर्णिमा को आप शाम के समय तुलसी की पूजा करते हैं तो इसके पौधे को स्पर्श बिल्कुल न करें. इससे भी देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं.

2. ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी पूजन के समय महिलाओं को बाल खुले नहीं रखने चाहिए. तुलसी पूजा के समय बालों को बांधकर रखें.

3. यदि बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा के लिए आप तुलसी के पत्ते तोड़ना चाहते हैं तो इन्हें नाखून से दबाकर झटके से न तोड़ें. इन्हें बड़ी कोमलता के साथ तोड़ें.

4. तुलसी में जल अर्पित करने के बाद परिक्रमा करना न भूलें. तुलसी में जल देने के बाद कम से कम उसकी 3 बार परिक्रमा जरूर करें.

5. तुलसी के आस-पास गंदगी बिल्कुल न होने दें. बुद्ध पूर्णिमा के दिन घर में मांस-मछली या तामसिक भोजन का सेवन न करें. ऐसे लोग तुलसी से दूर ही रहें.

बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें. तुलसी की माला लेकर मां लक्ष्मी के मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:' मंत्र का जाप करें.

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