Pradosh Vrat 2021
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इस व्रत को रखने से   मिलेगी दरिद्रता से मुक्ति

By: Sachin Dhar Dubey  16 November 2021
bhaum pradosh vrat

16 नवंबर को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदिशी तिथि है और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. 

bhaum pradosh vrat puja

 हर प्रदोष व्रत के दिन पूरे विधि विधान से भगवान शंकर की पूजा की जाती है. 

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जो प्रदोष मंगलवार के दिन पड़ता है उसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. 

भौम प्रदोष व्रत में शिव के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है.

मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत कथा पढ़ने या सुनने वालों के सारे संकट दूर हो जाते हैं. 

प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए.

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद शंकर भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें और पुष्प अर्पित करें. 

भौम प्रदोष के दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करें. 

इस दिन भगवान हनुमान को घी की नौ बाती वाला दीपक जलाने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है.

 स्कंदपुराण के अनुसार जो भक्त प्रदोष व्रत के दिन शिवपूजा के बाद एकाग्र होकर प्रदोष व्रत कथा सुनता या पढ़ता है उसे सौ जन्मों तक कभी दरिद्रता नहीं होती है.

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