आषाढ़ मास में भूलकर भी न करें ये 4 काम, भारी पड़ सकती है गलती

13 June 2025

aajtak.in

सनातन धर्म आषाढ़ मास का विशेष महत्व है. यह मास भगवान विष्णु की उपासना, व्रत, कथा और तीर्थ स्नानों के लिए विशेष फलदायक माना गया है. 

इस साल आषाढ़ मास की शुरुआत 12 जून 2025 से हुई है और यह 10 जुलाई 2025 तक रहेगा. मान्यता है कि इसी समय भगवान विष्णु योग-निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास की शुरुआत होती है. 

चातुर्मास को धार्मिक रूप से तप और संयम का समय माना गया है, जब शुभ कार्यों पर अस्थायी रोक लग जाती है. 

ऐसे में आइए जानते हैं आषाढ़ मास में किन कार्यों से बचना चाहिए.

आषाढ़ मास में मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस समय देवी-देवता विश्राम में होते हैं, इसलिए किए गए मांगलिक कार्य फल नहीं देते.

शुभ कार्यों से बचें

इस मास में घर का निर्माण कार्य या नए घर में प्रवेश करना अशुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह समय स्थायित्व के लिए नहीं बल्कि ठहराव के लिए उपयुक्त होता है.

न बनवाएं नया मकान 

अगर आप कोई नया बिजनेस, स्टार्टअप या बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इस मास के बाद शुरू करें. मान्यता है कि इस समय शुरू किए गए कामों में बाधाएं आती हैं और मनचाहे परिणाम नहीं मिलते.

नया व्यापार शुरू करने से बचें

चातुर्मास के दौरान शुद्ध और सात्विक जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है. आषाढ़ मास में लहसुन, प्याज, मांस, मछली और शराब जैसे तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए.

तामसिक भोजन से बचें