आषाढ़ माह में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ी या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है. इस बार यह अमावस्या 17 जून यानी आज मनाई जा रही है.
इस अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण किया जाता है.
मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय जरूर करने चाहिए. ये उपाय करने वालों के घर में कभी धन की कमी नहीं होती है.
साथ ही इन उपायों को करने से पितृदोष और कालसर्प जैसे खतरनाक दोषों से मुक्ति भी मिलेगी.
आषाढ़ माह में पीपल के पेड़ की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है.
इस दिन पीपल के वृक्ष पर कलावा बांधें और 108 बार परिक्रमा करें. पीपल के सामने तेल या घी का दीपक जलाएं.
इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद जल में काले तिल डालकर पितरों को तर्पण देने की परंपरा होती है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
इस दिन दान-धर्म के कार्यों का भी विशेष महत्व बताया गया है. पितरों का तर्पण करने के बाद गरीबों को अन्न या वस्त्र दान करें.
हलहारिणी अमावस्या पर पीपल, बड़, आंवला और नीम का पौधा लगाने की भी परंपरा होती है. ऐसा करने से पितृ शांत होते हैं. इससे आपके घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है.