29 August 2024
Credit: Instagram/Dr. Aniruddhacharya
बिस्किट को 'विष-किट' बताने वाले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं.
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अनिरुद्धाचार्य महाराज अपनी कथाओं में प्रश्नोत्तरी का सेशन भी करते हैं, जिसमें लोग उनसे अपने सवाल पूछते हैं.
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अनिरुद्धाचार्य महाराज और लोगों से सवाल-जवाब के वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल भी होते हैं.
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कई लोगों के मन में सवाल होगा कि आखिर अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहां तक पढ़ाई की है. तो आइए आज आपके इस सवाल का जवाब भी देते हैं.
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अनिरुद्धाचार्य महाराज स्कूली शिक्षा पूरी नहीं हुई. लेकिन उन्होंने ग्रंथ, पुराण और अन्य माध्यम से शिक्षा ग्रहण की.
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अनिरुद्धाचार्य महाराज के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो है जिसमें महाराज की शिक्षा और दीक्षा के बारे में जानकारी दी गई है.
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वीडियो में बताया गया है, 'बचपन से ही सेवा और धार्मिक ग्रंथों में रुचि होने के कारण अनिरुद्धाचार्य महाराज को श्री धाम वृंदावन में वेद पुराण और शास्त्रों का अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था.'
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'अनिरुद्धाचार्य महाराज की दीक्षा वृंदावन में रामानुजाचार्य संप्रदाय से हुई. उन्होंने तपस्वी गृहस्त संत श्री गिरिराज शास्त्री महाराज जी से दीक्षा ली और साथ ही अयोध्या से श्री राम कथा का अध्ययन अंजनी गुफा वाले महाराज से प्राप्त किया.'
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'उसके बाद वहां से अध्ययन पूरा करने के बाद वह अपनी जन्मभूमि लौटे और पहली बार वहीं पर कथा सुनाई.'
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अनिरुद्धाचार्य महाराज को 2 बार डॉक्टरेट यानी पीएचडी की उपाधि मिल चुकी है. अमेरिकन यूनिवर्सिटी, यूएसए से उन्हें 'Humanity and spritual education' के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है.
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इसके अलावा उन्हें घाना (साउथ अफ्रीका) की बैविक यूनिवर्सिटी ने भी 'Humanity and spritual education' के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी है.
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