14 apr 2025
aajtak.in
वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की अपनी उच्च राशि में होते हैं. इस दिन दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है.
अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय ना हो. इस तिथि को किए कार्यों के परिणाम का क्षय नहीं होता है.
माना जाता है कि इस दिन भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था. साथ ही, इस दिन से बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं.
इसी दिन वृंदावन में बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन मूल्यवान वस्तुएं खरीदते हैं जैसे- सोना खरीदा जाता है. और तमाम चीजों का दान किया जाता है.
साथ ही, ये साल का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है. इस दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त के शुभ काम हो सकते हैं. इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को है.
अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:31 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 मिनट पर होगा.
अक्षय तृतीया पर इस दिन खरीदारी करने का शुभ समय सुबह 5:41 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2:12 मिनट तक रहेगा. खरीदारी का मुहूर्त करीब साढ़े 8 घंटे का मुहूर्त रहेगा.
अक्षय तृतीया के दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा करें और इस दिन इन्हें सफेद फूल अर्पित करें. साथ ही, उनके मंत्रों का जाप करो.