कल से लगने वाला है अग्नि पंचक, अगले 5 दिन घर में भूलकर भी न करें ये 5 काम

21 April 25

aajtak.in

हिंदू धर्म में पंचक को अशुभ माना जाता है. पंचक एक ऐसी अवधि है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है. 

ज्योतिषों के मुताबिक, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से होते हुए रेवती नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में भ्रमण करता है तब पंचक लगता है.  

पंचक पांच दिन की अवधि का होता है. इस महीने अग्नि पंचक 22 अप्रैल से शुरू हो रहा है और इसका समापन 26 अप्रैल को होगा. चूंकि यह पंचक मंगलवार से शुरू हो रहा है, इसलिए इसे अग्नि पंचक कहा जाएगा.

अग्नि पंचक में कोई भी जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए. पंचक में किसी की मृत्यु होना बेहद अशुभ होता है.

गरुड़ पुराण के अनुसार, पंचक में किसी की मृत्यु होने से, उसके घर के 5 अन्य लोगों की मृत्यु का खतरा रहता है.

पंचक में अगर किसी की मौत हो जाए तो ऐसे में शव का अंतिम संस्कार करते समय कुश या आटे के 5 पुतले बनाएं और फिर उनको शव के पास रखकर अंतिम संस्कार करें. ऐसा करने से पंचक दोष दूर हो जाता है. 

अग्नि पंचक के दौरान लकड़ी खरीदना, मकान की छत डलवाना, फर्नीचर खरीदना और दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है. 

अग्नि पंचक के दौरान जमीन की खुदाई, आग से जुड़े काम, निर्माण कार्य और मशीनरी के काम ना करें.