2 July 2025
कुदरत के कोहराम से हिमाचल प्रदेश में बादलतोड़ तबाही जारी है. सबसे भयावह स्थिति मंडी जिले में है.
मंडी जिले में बादल फटने की घटना में मृतकों की सख्या 10 पहुंच चुकी है, 34 लोग अभी भी लापता हैं. पिछले 32 घंटे में 316 लोगों को रेस्क्यू कराया जा चुका है.
इस बीच सवाल ये है कि मंडी में ही बादल क्यों फटते हैं? मंडी में कुदरत का कोहराम क्यों मचा? इसका जवाब है, मंडी जिले की बनावट.
दरअसल मंडी ही नहीं तमाम पहाड़ी इलाके बादल फटने के लिहाज से संवेदनशील हैं. ऐसी जगहों पर ही बादल फटने की घटना होती है.
नम हवा जब पहाड़ से टकराती है तो ऊपर की तरफ जाती है, ऊपर जाकर हवा पहाड़ से टकराकर संघनित हो जाती है.
संघनित हवा बारिश की बूंदों को गिरने से रोकती है लेकिन जब हवा का दबाव कम होता तो ऊपर जमा नमी खंडित नहीं हो पाती.
फिर ऊपर जमा नमी एक साथ गिरती है जो बादल फटना कहलाता है.
जब बादल फटता है तो पहाड़ के तीव्र ढलान की वजह से पानी तेजी से नीचे गिरता है और वो फ्लैश फ्लड का रूप ले लेता है.