उत्तराखंड में जोशीमठ में भू-धंसाव से स्थानीयों की जान हलक में अटकी हुई है.
678 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया है और 82 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है.
कई एक्सपर्ट्स ने जोशीमठ पर पुरानी रिपोर्टों का हवाला दिया है, जो अब सटीक साबित होती दिख रही हैं.
स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है और वे इसे संकट के लिए कई चीजों को जिम्मेदार बता रहे हैं.
लोग घरों और होटलों की बढ़ती संख्या, बिजली परियोजना और कई मानव निर्मित फैक्टर्स को दोषी ठहरा रहे हैं.
लेकिन जोशीमठ अकेला नहीं है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में इसी तरह की और भी आपदाएं आ रही हैं.
डर है कि पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है.
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