भोपाल में मिली ऐसी खास मछली जिसकी हर तरफ हो रही है चर्चा
By Aajtak.in
21 April 2023
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक मछली चर्चा की वजह बनी हुई है. युवक अनस ने बताया कि वह खानूगांव किनारे बड़े तालाब में मछली पकड़ रहा था, तभी ऐसी मछली फंस गई, जो काफी अलग थी.
इस मछली के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह भोपाल तो क्या पूरे देश में कहीं नहीं पाई जाती है. मछली का मुंह घड़ियाल की तरह है, वहीं इसका धड़ मछली की तरह है.
इस मछली का नाम एलीगेटर गार है और यह अमेरिकन कंट्रीज में पाई जाती है. मछली के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. लोग कमेंट कर रहे हैं कि यह यहां कैसे आई.
यह मछली अन्य मछलियों से एकदम अलग है. उसका मुंह घड़ियाल की तरह है और नुकीले दांत किसी आदमखोर घड़ियाल की तरह है. कहा जा रहा है कि यह इंसानों पर भी हमला कर सकती है.
मछली की लंबाई डेढ़ फीट है. इस प्रजाति की मछली की लंबाई 12 फीट तक होती है. फिशिंग एक्सपर्ट शारिक अहमद ने कहा कि मछली के व्यवसायी आंध्र प्रदेश और कोलकाता से मछली का बीज लाते हैं, संभवत उसी के साथ इसका बीज आ गया होगा.
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इससे पहले साउथ अमेरिका के अमेजॉन नदी में पाई जानी वाली सकर माउथ कैटफिश वाराणसी की गंगा में मिली थी. बीएचयू के मछली वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान की थी.
बीएचयू के वैज्ञानिकों ने इस सकरमाउथ कैटफिश को लेकर चिंता जाहिर की थी और कहा था कि यह मछली मांसाहारी है और अपने इकोसिस्टम के लिए खतरा भी है.
अब सवाल यह उठता है कि आखिर हजारों किलोमीटर दूर साउथ अमेरिका की अमेजॉन नदी में पाई जाने वाली सकरमाउथ कैटफिश आखिर गंगा नदी तक कैसे पहुंची?
सकरमाउथ कैटफिश कई रंगों में भी मिल सकती है, लेकिन इसका गंगा में मिलना गंगा के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा हो सकता है. यह मछली मांसाहारी है और आसपास के जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है.