17 साल की कथावाचक पलक किशोरी इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. कारण है जया किशोरी से मिलता जुलता उनका अंदाज और लुक्स.
दरअसल, पलक के नैन नक्श और बोलने का अंदाज बिल्कुल कथावाचक जया किशोरी से मेल खाता है. लोग उनका कंपेयर जया से करने लगे हैं.
पलक का कथा सुनाने का हुनर और अंदाज किसी प्रोफेशनल कथावाचक से कम नहीं है. पलक मध्य प्रदेश के रीवा से ताल्लुक रखती हैं.
लेकिन सतना से भी उनका गहरा नाता है. वह सतना नगर निगम में पदस्थ अतिक्रमण दस्ता अधिकारी रमाकांत शुक्ला की नातिन हैं.
24 दिसंबर 2005 को रीवा के अधिवक्ता सतीश मिश्रा के घर पर शाम्भवी मिश्रा (घर का नाम पलक) का जन्म हुआ.
बचपन से घर में पूजा-पाठ और हवन-पूजन होता रहता था. इस कारण पलक का झुकाव धार्मिक क्षेत्र में हो गया.
बड़े पिताजी से पलक जो भी कथा सुनाते बाद में वही कथा पलक अपनी दादी, मम्मी और बड़ी मम्मी को सुनाने की कोशिश करती.
12वीं कक्षा में पढ़ने वाली पलक किशोरी की हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में अच्छी पकड़ है.
घर वालों को रोजाना कथा सुनाने का नतीजा ये निकला कि पलक किसी प्रोफेशनल कथावाचक की तरह ही कथा सुनाने लगीं.
2021 में पलक ने बांकेबिहारी मंदिर में एक मंझे हुए कथावाचक की तरह भगवदगीता सुनाई थी. इसके बाद पलक रीवा संभाग में छा गईं. अब तक उनके कई कार्यक्रम हो चुके हैं.