3 Apr 2025
रिपोर्ट: मयंक शुक्ला
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भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में इस बार की रामनवमी ऐतिहासिक होगी. 6 अप्रैल को दोपहर 12 बजे जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, तब सूर्य की किरणें उनके मस्तक पर तिलक करेंगी.
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यह दिव्य और दुर्लभ क्षण पूरे 4 मिनट तक रहेगा. इस अद्भुत नजारे के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा विशेष वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया गया है.
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पिछली बार हुए सफल प्रयोग के बाद इस बार इसे और भव्य बनाया गया है. इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं.
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इस आयोजन को दिव्य और भव्य बनाने के लिए मंदिर में 1 लाख श्रीराम मंत्रों का जाप हो रहा है, प्रतिदिन तीन घंटे का हवन किया जा रहा है.
भक्ति भाव में डूबे श्रद्धालु भजन-कीर्तन करेंगे और मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाएगी. राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं.
भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे और इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए इस विशेष आयोजन की व्यवस्था की गई है. शहरभर में एलईडी वैन भी चलाई जाएंगी, ताकि भक्त इस दुर्लभ क्षण को लाइव देख सकें.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं के व्यापक इंतजाम किए हैं. अनुमान है कि रामनवमी के अवसर पर लगभग 25 से 30 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे.
सुबह 9:30 बजे से शुरू होने वाले अनुष्ठानों में भगवान रामलला का विशेष अभिषेक किया जाएगा, इसके बाद उनका भव्य श्रृंगार और 56 भोग अर्पित किया जाएगा.
सूर्य की किरणें भगवान श्रीराम के मस्तक पर तिलक करेंगी, तब यह क्षण पूरी दुनिया के लिए अविस्मरणीय बन जाएगा.
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